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पुरानी पेंशन पाप नही कर्मचारियों का अधिकार है।

Old pension:- पुरानी पेंशन बहाली पाप नहीं, देश के सभी कर्मियों का अधिकार है।पूरी जानकारी के लिए खबर को अंत तक पढ़े।


By:- Daily khabar Education


पीएफआरडीए एक्ट वापस होने पर ही स्थाई तौर पर होगी पुरानी पेंशन बहाली



से पेंशन फंड रेगुलेटरी डबलमेंट एक्ट (पीएफआरडीए) वापस होने पर ही पुरानी पेंशन स्थाई तौर पर बहाल होगी. यदि ऐसा नहीं हुआ तो पुरानी पेंशन बहाली करने वाले राज्यों में सत्ता परिवर्तन होने पर पुनः एनपीएस का खतरा बना रहेगा. इसलिए केन्द्र सरकार के खिलाफ पीएफआरडीए रद्द कर पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर चल रहे राष्ट्रव्यापी आंदोलन को जन आंदोलन में तब्दील करना होगा, यह आन मंगलवार को राजकीय मुद्रणालय में आयोजित संयुक्त राज्य स्तरीय कर्मचारी सम्मेलन में किया. अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली पाप नहीं, कर्मचारियों का अधिकार है, जिसको केन्द्र एवं राज्य कर्मचारी लड़कर लेंगे,


सांसद-विधायक क्यों ले रहे पेंशन


उन्होंने सवाल किया कि अगर पुरानी


पेंशन पाप है तो  भाजपा के एमपी एवम राजनीतिक दल के नेता अपनी पेंशन छोड़ दे।


और एमएलए पुरानी पेंशन स्कीम के


अनुसार पेंशन प्राप्त कर इस पाप को


दिल्ली में होगी कर्मचारी रैली


अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के उपाध्यक्ष कमलेश मिश्रा ने बताया कि जून महीने तक कर्मचरियों को जागरूक करने के लिए सभी राज्यों, जनपद, ताल्लुक व खंडी में कर्मचारी सम्मेलन किए जाएंगे. इसके बाद जुलाई महीने में देश के चारों कोनों से केन्द्रीय व राज्य स्तरीय


• अपने हितों की रक्षा के लिए एकजुट हुए कर्मचारी.
क्यों कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि बड़े पूंजीपतियों के लाखों करोड़ के कर्जे को माफ करना, कारपोरेट टैक्स 30 से घटाकर 22 प्रतिशत करना और गरीबों की खाने पीने की चीजों पर जीएसटी लगाना तथा सार्वजनिक क्षेत्र को निजी हाथों में सौंपना पाप है, जिस पाप को सरकार तेजी से कर रही है.

 उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव बोलते हुए पुरानी पेंशन बहाली को पाप बताने हुए रार यों को ऐसा न करने की सलाह दी थी. जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है. 

सम्मेलन में पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर 14 मार्च को संसद पर होने जा रहे धरने प्रदर्शन में बढ़ चढ़कर शामिल होने और सभी जिलों व तहसील स्तर पर कर्मचारी सम्मेलन करने का भी फैसला लिया गया. सम्मेलन का संचालन उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के जिला अध्यक्ष विजेंद्र प्रताप सिंह ने किया. किया. अध्यक्षता सुभाष चन्द्र पाण्डेय
नेताओं के नेतृत्व में सैकड़ों कर्मचारी वाहन जत्थे चलाए जाएंगे. यह जत्थे रीच टू इच के नारे के साथ देश के सभी महानगरों, शहरों, कस्बे में कर्मचारियों के कार्य स्थलों पर सभाएं करते हुए 3 नवंबर को दिल्ली में पहुंचेंगे. दिल्ली में 3 नवंबर को विशाल कर्मचारी रैली की जाएगी.


मेंस यूनियन ने जुलूस निकाल भरी हुंकार


प्रयागराज जंक्शन पर सभा कर उठाई आवा


Old पुरानी पेंशन बहाली को लेकर आंदोलन तेज कर रही नार्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूयिन ने सोमवार को सभी शाखाओं में विरोध प्रदर्शन किया, प्रयागराज जंक्शन के पोर्टिकों में जमा हुए. यूनियन के महामंत्री आरडी यादव के नेतृत्व में जुलूस निकालने के बाद सभा की गई, इस दौरान रेल कर्मचारियों ने पेंशन बहाली के लिए जमकर नारेबाजी की. यूनियन नेताओं ने ऐलान किया कि मांग पूरी न होने तक आंदोलन और बढ़ता रहेगा.


 सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की क्या दुर्दशा है यह सब जानते हैं. उन्होंने पुरानी पेंशन बहाली के लिए लिए गए संकल्पों को याद दिलाते हुए कहा कि बड़ा आन्दोलन इसे रोकने वालों को सबक देगा. आन्दोलन ऐसे चला तो 2024 के चुनाव के पहले सरकार को मांग माननी पड़ जाएगी. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष रागविराग, मंत्री विनोद कुमार पाण्डेय, उपाध्यक्ष अरुण कुमार पाण्डेय आन्दोलन में नार्थ सेन्ट्रल रेलवे मेन्स यूनियन का समर्थन करने का ऐलान किया. डीएस यादव ने 21 मार्च को धरना स्थल गिरिजाघर पर सभा का ऐलान किया. एसके सिंह, नागेन्द्र बहादुर सिंह, एके सिंह, अनिल कुमार, बृजेन्द्र कुमार, वीपी सिंह, राजू प्रसाद, आतिफ मोईन, सईद अहमद, बिनय कुमार श्रीवास्तव, रामसिंह, मुहिबउल्लाह आषीश कुमार, आरके राय ने अपनी बात रखी.
प्रताप सिंह, रवि मिश्रा, जवाहर लाल विश्वकमा, अनुग्रह नारायण सिंह व वीएन पांडेय आदि मौजूद थे.

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