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सीतामढ़ी जिला में जो कल थे DPO आज ही बने थे DEO और आज ही निगरानी के हाथों गिरफ्तार

 बिहार सीतामढ़ी:- शिक्षा विभाग में मंचा हड़कंप

सीतामढ़ी में कल तक जो मध्यान भोजन MDM DPO थे आज बने प्रमोशन से DEO और आज ही चढ़ गए निगरानी के हाथों 50000 के साथ।पूरी जानकारी के लिए खबर को अंत तक पढ़े।


By :; daily khabar education


सीतामढ़ी जिले के डीपीओ (मध्याह्न) संजय कुमार देव कन्हैया गुरुवार को निगरानी विभाग के हत्थे चढ़ गए। निगरानी की टीम ने इन्हें 50 हजार रुपये लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। कल ही इनका विभाग के द्वारा प्रमोशन कर सीतामढ़ी जिला शिक्षा पदाधिकारी बनाया गया था। आज वह अपना नया पदभार ग्रहण करने वाले थे, इससे पहले वह अपने मध्याह्न भोजन कार्यालय में बैठे थे। जहां निगरानी पहले से जाल बिछाकर बैठी थी।
घटना के बाद जिले में मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। निगरानी टीम के द्वारा पूछताछ के बाद गिरफ्तार पदाधिकारी को अपने साथ ले गई। इधर, मामले को लेकर दर्जनों के संख्या में पदाधिकारी के समर्थक, शिक्षक और कर्मी सर्किट हाउस पहुंचकर प्रदर्शन करने लगे। उनका कहना था कि गिरफ्तारी पदाधिकारी साफ छवि के लोग हैं। उन्हें जान बूझकर फंसाया गया है। इसके सत्यापन को लेकर जब सभी कर्मी डीपीओ कार्यालय पहुंचे। इसके बाद वहा चेंबर में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को चेक किया। जहां 10 मिनट का सीसीटीवी फुटेज गायब मिला। सीसीटीवी फुटेज में 1 बजकर 22 मिनट से लेकर 1.32 तक का फुटेज भी गायब कर दिया गया है। आक्रोशित लोग इस घटना की जांच करने की मांग कर रहे हैं।
वहीं, निगरानी के उपाधीक्षक ने बताया कि उन्हें रंगे हाथ पैसे लेते गिरफ्तार किया गया है। बताया कि डीपीओ के द्वारा 18 लाख के मध्याह्न भोजन में घोटाले का तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच किया गया था, जिसमें रितेश रंजन को दोषी पाते हुए कार्य मुक्त करने की कार्रवाई चल रही थी। इसी बीच परिवादी रितेश के द्वारा घुस के रूप में ढाई लाख का मांग किया गया था, जिसमें 50 हजार रुपया देने पहुंचा।
इसी दौरान निगरानी की टीम उन्हें गिरफ्तार कर ली। सर्किट हाउस से ले जाने के दौरान समर्थक और निगरानी की टीम में काफी बहस भी हुई, जिसके बाद निगरानी की टीम भारी संख्या में पुलिस बल को बुलाया है। फिलहाल, मामला शांत नहीं है। समर्थक जांच की मांग कर रहे हैं।

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